Shiv Khera Biography in Hindi: जीवन में जब कभी-कभी परिस्थिति लोगों के विपरीत होती है तो वे घबरा जाते हैं। लेकिन इसके उलट कुछ ऐसे लोग भी हैं। जो हर परिस्थिति का डटकर सामना करते हैं और एक दिन अपनी मंजिल तक पहुंच जाते हैं। फिर ऐसे ही व्यक्ति दुनिया भर में लोगों को सफलता का मंत्र बांटते हैं। उन्हीं में से एक हैं संघर्षशील और सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति शिव खेड़ा।
शिव खेड़ा दुनिया भर में जाने जाने वाले मशहूर प्रवक्ता, लेखक और चिंतकों में से एक हैं। शिव खेड़ा ने लाखों लोगों की जिंदगी को अपने विचार और सकारात्मक बातों की मदद से एक नई राह दी है। खेड़ा ने कई सारी किताबें भी लिखी हैं। जो काफी लोकप्रिय है, कहते हैं उनके लिखे किताब को अगर कोई व्यक्ति पढ़ लेता है। तो उसके अंदर आत्मविश्वास और सकारात्मकता अपने आप आ जाती है।
कैसा रहा शिव खेड़ा का प्रारंभिक जीवन
शिव खेड़ा का बचपन काफी चुनौतियों में बीता है। खेड़ा का जन्म 23 अगस्त 1961 को झारखंड के धनबाद में रहने वाले एक मध्यमवर्गीय व्यवसायिक परिवार में हुआ था। शिव खेड़ा के पिता कोयला खदान के व्यवसाय से जुड़े थें। जबकि उनकी माता एक गृहणी थीं, करीब 70 के दशक में जब झारखंड स्थित कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण हुआ। तब खेड़ा के परिवार को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। इस दौरान शिव खेड़ा ने स्थानीय सरकारी स्कूल से माध्यमिक शिक्षा पूरी कर ली थी। स्कूली दिनों में खेड़ा एक औसत दर्जे के विद्यार्थी दें। दसवीं कक्षा में वह एक बार फेल भी हो चुके हैं। लेकिन बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और एक दिन उनके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आया। इसके पीछे का श्रेय उनकी सकारात्मक सोच और ऊर्जा को जाता है।
शिव खेड़ा आगे चलकर श्रेष्ठ विद्यार्थी बने और उन्होंने उच्च माध्यमिक परीक्षा प्रथम श्रेणी के साथ पास कर ली। अपने उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने बिहार के एक कॉलेज में दाखिला लिया। जहां से उन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल की। शिव खेड़ा को अपनी शुरुआती दिनों में काफी मुसीबत का सामना करना पड़ा था। कहते हैं कि उन्होंने कनाडा में रह कर अपने जीवन यापन के लिए कार धोने का काम भी किया है। उसके बाद उन्होंने बीमा(Insurance) एजेंट का काम शुरू किया। लेकिन इस काम में भी उन्हें सफलता नहीं मिली। बावजूद इसके शिव खेड़ा ने कभी हार नहीं मानी और उनका संघर्ष का सफर जारी रहा। कभी प्राइवेट फॉर्म में तो कभी किसी दुकान के सेल्समैन के तौर पर शिव खेड़ा काम करते रहे। अमेरिका के जेल में बतौर स्वयंसेवक भी खेड़ा ने काम किया।
कुछ वर्षों तक कनाडा में रहने के बाद खेड़ा अमेरिका पहुंचे तो वहां इत्तेफाक से वह एक मोटिवेशनल स्पीकर नॉर्मन विंसेंट के सेमिनार में पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने विंसेट की बातों को बड़े ही ध्यान से सुना। विंसेंट की बातों ने शिव खेड़ा के जीवन को प्रभावित किया और इसके बाद उनके जीवन में एक बड़ा परिवर्तन आया। उन्होंने खुद को एक मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर उभारने की कोशिश की और इसमें वह कामयाब भी हो गए। जल्द ही उन्हें इस पेशे मे कामयाबी मिलने लगी। अब हर कोई शिव खेड़ा को जानने लगा था। अपनी इस खूबी के कारण शिव खेड़ा कई सारे व्यवसायिक संस्थानों के भी सलाहकार बने।
जल्द ही उन्होंने अमेरिका में अपनी एक कंपनी का गठन किया जिसका नाम ‘क्वालिफाइड लर्निंग सिस्टम इंक’ रखा गया। भारत सहित दुनिया के कई देशों में इस कंपनी की शाखाएं हैं। यह कंपनी लोगों और संस्थानों को सकारात्मक प्रगति और कार्यक्षमता बढ़ाने की सलाह देती है। वर्तमान में शिव खेड़ा इस कंपनी के सीईओ हैं।
शिव खेड़ा ने अपनी प्रेरणा और सकारात्मक सोच को अपनी पुस्तक के द्वारा लाखों लोगों तक पहुंचाया है। उन्होंने करीब 16 किताबें लिखी हैं। जो पूरी दुनिया में कई भाषाओं में प्रकाशित होती है। साल 1968 में खेड़ा ने पहली किताब प्रकाशित करवाई जिसका नाम था ‘यू कैन वीन’ (You Can Win)।
यह किताब इतनी लोकप्रिय हुई जिसके बारे में खेड़ा ने कभी सोचा भी नहीं था। इस किताब ने बिक्री के मामले में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। हिंदी में इस पुस्तक का टाइटल है ‘जीत आपकी’ यह किताब लगभग 16 अलग-अलग भाषाओं में प्रकाशित हुई थी।म अगर एक अंदाजा लगाया जाए तो अब तक इस पुस्तक की 30 लाख प्रतियां बिक चुकी है। इस पुस्तक के लिए खेड़ा कई बार सम्मानित भी हो चुके हैं। शिव खेड़ा की यह किताब सकारात्मक सोच के साथ अपने लक्ष्य को हासिल करने के विषय पर भी है। इसके अलावा उनकी कई सारी किताबें हैं जो सकारात्मक और नकारात्मक मूल्यों पर आधारित है। खेड़ा ने अपने किताबों के माध्यम से पाठकों के दिमाग पर गहरा छाप छोड़ा है।
शिव खेड़ा की अन्य प्रकाशित पुस्तकों के बारे में बात करें तो ‘लिविंग विथ ऑनर’ ( हिंदी में ‘सम्मान से जियें’), ‘फ्रीडम इज नॉट फ्री’ (हिंदी में ‘आज़ादी से जियें’), ‘यू कैन सेल’ (हिंदी में ‘बेचना सीखो और सफल बनो’) का नाम प्रमुख तौर पर शामिल है।
आज की तारीख में खेड़ा टेलीविजन, रेडियो, सेमिनार इत्यादि की मदद से लोगों के सामने आते हैं और सकारात्मक ऊर्जा से भरी प्रेरणादायी वक्तव्य(Speech) को लोगों के सामने रखते हैं। खेड़ा की दुनिया भर में 17 देशों में कंपनियां हैं। जो लगातार वर्कशॉप का आयोजन करती हैं और लोगों को सकारात्मक राह दिखाती है। इस सेमिनार में हजारों लोग शामिल होते हैं। खेड़ा अक्सर एक बात को दोहराया करते हैं वह है – ‘जो विजेता हैं वह कुछ अलग नहीं करते हैं बल्कि उनका करने का तरीका अलग होता है।’