Typhoid Ke Lakshan: टाइफाइड एक ऐसी बीमारी है, जो साल्मोनेला टाइफीमुरियम बैक्टीरिया के कारण होती है। साल्मोनेला एक ऐसा जीवाणु है। जो आमतौर पर मनुष्य के रक्त और आंख में पाया जाता है। टाइफाइड संक्रमण के द्वारा भी फैलता है। लेकिन यह टाइफाइड से पीड़ित व्यक्ति के मल के सीधे संपर्क में आने से ही फैलता है। यह बीमारी किसी जानवर के माध्यम से नहीं फैलता है। हमेशा एक व्यक्ति से ही दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है। टाइफाइड का इलाज समय रहते नहीं किया गया तो यह जानलेवा भी हो सकता है। 5 में से 4 मामले ऐसे होते हैं जिनमें टाइफाइड के मरीज को अगर इलाज नहीं मिलने पर उसकी मौत हो गई है। टाइफाइड का बैक्टीरिया अगर एक बार मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर गया। तो इसके बाद यह एसटीफी बैक्टीरिया होस्ट की आंत में करीब 1 से 3 सप्ताह तक रहता है। इसके बाद यह इंसान के शरीर में रक्त प्रवाह के माध्यम से फैलने लगता है। इसके बाद यह शरीर के अन्य टिशू में हमला करने लगता है। अगर मरीज की प्रतिरोधक क्षमता ठीक से काम कर रही है। तो उसका शरीर एसईटीफी बैक्टीरिया से लड़ सकता है। कई बार प्रतिरोधक क्षमता ठीक होने के कारण टाइफाइड का बैक्टीरिया मर जाता है।
टाइफाइड होने के लक्षण और कारण [Typhoid Ke Karan]
टाइफाइड के मरीज के शरीर में कमजोरी हो जाती है। उसे बेचैनी नींद की समस्या और हल्का फुल्का बुखार भी आ सकता है इस बीमारी का पता मरीज के मल, रक्त, मूत्र या बोन मैरो नमूने की जांच करके लगाया जा सकता है। टाइफाइड जैसी बीमारी ज्यादातर उन शहरों और देशों में पाई जाती है जहां साफ पानी और साफ-सफाई की दिक्कत होती है। टाइफाइड जैसी खतरनाक बीमारी से बचने के लिए यात्रा के दौरान भी कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। जैसे सफर के दौरान बोतलबंद पानी पिए। अगर आपके पास बोतलबंद पानी नहीं हो। तो पानी को उबालकर कर एक बोतल में भर लें और सफर के दौरान इसे साथ रखें। स्ट्रीट फूड खाने से बचें। बाजार में मिलने वाले आइस्क्यूब उसका इस्तेमाल ना करें। फलों को धोकर ही खाएं ऐसा खाना ना खाएं जो सफाई से नहीं बनाया गया हो। साउथ अमेरिका, अफ्रीका और एशिया मैं ऐसे कई सारे स्थान हैं जो टायफाइड जैसी बीमारी के लिए मुख्य रूप से जाने जाते हैं। अगर किसी मरीज को टाइफाइड हो गया है तो उसके अंदर यह पांच लक्षण जरूर दिखेंगे।
1. लगातार सिर और पेट में दर्द बना रहेगा।
2. शरीर में कमजोरी महसूस होगी साथ ही हर वक्त नींद आता रहेगा।
3.ठंड लगने के साथ-साथ तेज बुखार आने लगता है।
4. भूख लगना बंद हो जाता है।
5.उल्टी और दस्त होने लगता है जिसके कारण मरीज डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है
टाइफाइड से बचाओ कैसे करें [Typhoid Se Bachne Ke Upay]
टाइफाइड से बचने के लिए टीकाकरण करवाया जाता है। यह इंजेक्शन और ओरल मेडिकेशन दोनों ही तरीके से प्रदान किया जाता है। अगर आप कहीं सफर पर निकल रहे हैं या फिर ऐसी जगह जा रहे हैं। जो टाइफाइड जैसी बीमारी से संक्रमित है। तो इससे पहले आप टीकाकरण जरूर करवा लें ओरल टीकाकरण के लिए टाइफाइड की चार गोलियां दी जाती है। कोशिश करें कि यात्रा पर जाने से 1 सप्ताह पहले आखरी टैबलेट का सेवन करें। वहीं अगर इंजेक्शन के माध्यम से टीकाकरण की बात करें तो यात्रा से 2 सप्ताह पहले इंजेक्शन के माध्यम से टीकाकरण करवा लेना चाहिए। एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति या 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को ओरल टीकाकरण से बचना चाहिए।
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