Arunachal Pradesh Ke Paryatan Sthal: अरुणाचल प्रदेश भारत के बेहतरीन राज्यों में से एक है। यहां मौजूद पहाड़, दर्रे, शांत झीलें और प्रसिद्ध मठ लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। अगर आप छुट्टी मनाने के लिए एक बेहतरीन डेस्टिनेशन की तलाश में है तो आपके लिए अरुणाचल प्रदेश एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। अरुणाचल प्रदेश दक्षिण में असम, भूटान के पश्चिम, उत्तर-पूर्व में चीन और म्यांमार द्वारा पूर्व में ‘भारत के आर्किड राज्य’ या बोटनिस्ट के स्वर्ग के रूप में जाना जाता है।
अरुणाचल प्रदेश का मौसम पक्षियों के लिए अनुकूल है। यही कारण है कि यहां 500 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती है। इन पक्षियों में ज्यादातर एसे पक्षी हैं जो विलुप्त होने के कगार पर है लेकिन यहां उनकी अच्छी खासी संख्या देखने को मिल जाती है। यहां सर्दियों के मौसम में पर्यटक भारी संख्या में पहुंचते हैं। ऊंची-ऊंची पहाड़ियों से घिरा यह राज्य पर्यटकों के दिल में बस जाता है और जो यहां एक बार आता है। दुबारा जरूर आना चाहता है। तो चलिए शुरुआत करते हैं इस राज्य से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य और इतिहास के बारे में जानने की, साथ ही यहां ऐसी कौन-कौन सी जगह है, जहां आप घूमने के लिए जा सकते है।
अरुणाचल प्रदेश का इतिहास (Arunachal Pradesh History in Hindi)
अरुणाचल प्रदेश में रहने वाले लोगों का इतिहास 11 हजार साल पुराना है। इतिहास की माने तो यहां के लोग भूटान, म्यांमार, चीन और तिब्बत के जनजातियों से मेलजोल रखते हैं। यह राज्य वर्षों से भारत के सांस्कृतिक और एकीकृत होने का प्रमाण दिखाता है। इसके अलावा इस राज्य की एक अपनी विशिष्ट परंपरा है। जो आज भी बरकरार है यहां हाल ही में 14वीं शताब्दी के सियांग की तलहटी में मंदिरों के अवशेष पाए गए हैं। कई देशों की सीमा से सटे होने के कारण यह राज्य थोड़ा संघर्षों से भी भरा हुआ है। राज्य में 1913 से 14 के बीच में मैकमोहन रेखा खींची गई थी। तब से यह रेखा चीन और भारत के बीच सीमा का काम करती है। 1972 तक ब्रिटिश शासन काल के दौरान अरुणाचल प्रदेश को उत्तर पूर्वी सीमांत एजेंसी के रूप में जाना जाता था।
इस राज्य ने 1962 में भारत और चीन के बीच एक खूनी लड़ाई भी देखी है। हालांकि अब अरुणाचल प्रदेश राजनीतिक रूप से एक शांत क्षेत्र है और भारत की पर्यटन अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा बन गया है।
अरुणाचल प्रदेश में मनाए जाने वाले त्यौहार (Arunachal Pradesh Festivals in Hindi)
एक ऐसा राज्य है जहां हर समय कोई ना कोई त्यौहार मनता ही रहता है। इन त्योहारों में सबसे प्रसिद्ध जीरो म्यूजिक फेस्टिवल है। जो कि नॉर्थ-ईस्ट की संगीत प्रतिभा को बढ़ावा देता है। यह फेस्टिवल सितंबर में आयोजित किया जाता है। इसके अलावा यहां सांग केन फेस्टिवल भी मनाया जाता है। यह फेस्टिवल हर साल अप्रैल में मनता है। इस दौरान बौद्ध धर्म के सिद्धांतों की चर्चा होती है और लोग जश्न मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं। तवांग में आयोजित लोसार दो सप्ताह तक चलने वाला उत्सव है। जो नए साल का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। जुलाई और अगस्त के दौरान सोलुंग पर्व आयोजित किया जाता है। यह एक तरह का कृषि त्यौहार है। जो मानसून के मौसम में मनाया जाता है। इसके अलावा यहां न्याकि जनजाति का न्योकुम त्यौहार, द्री त्यौहार, बौरी बूट, खान, गोमकुम गोम्पा, तमालु, मोपिन और अरान जैसे कुछ अन्य त्यौहार भी मनाए जाते हैं। जो यह की संस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं। अरुणाचल प्रदेश में पर्व और उत्सव बहुत ही उत्साह के साथ मनाये जाते हैं।
अरुणाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल(Arunachal Pradesh Ke Paryatan Sthal)
अपनी छुट्टियों के दौरान अरुणाचल प्रदेश घूमने की तैयारी बना रहे हैं, तो चलिए उससे पहले जानते हैं कि यहां ऐसी कौन-कौन सी जगह है। जहां आप अपनी छुट्टियाँ बिता सकते हैं।
- अरुणाचल प्रदेश की शान है पर्यटन स्थल ‘तवांग’
अपनी खूबसूरती के कारण पर्यटकों के दिल में बसने वाला तवांग अरुणाचल प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह करीब 3048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां कई सारे महत्वपूर्ण और सुंदर मठ बने हैं। जो पर्यटकों को काफी पसंद आते हैं। इस स्थल को दलाई लामा के जन्म स्थली के रूप में भी जाना जाता है। ‘तवांग’ अपने भीतर आध्यात्मिकता के खुशबू लपेटे हुए है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता लोगों को रोमांचित कर देते हैं। सुंदर आर्किड अभयारण्य और टिपी ऑर्किड अभयारण्य तवांग में घूमने की अच्छी जगहों में शामिल शामिल हैं। यात्रा के दौरान इस क्षेत्र के अनूठे व्यंजनों का लुत्फ उठाना न भूलें।
- ईटानगर
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर को यहां का स्वर्ग कहा जाता है। यह हिमालय के उत्तरी छोर पर स्थित है। आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों पहले ही ईसानगर को सरकार द्वारा पर्यटकों के लिए खोला गया है। इस शहर की अपनी एक विरासत और आदिवासी संस्कृति है। यहां की विरासत एवं संस्कृति सदियों पुरानी है। जो आज भी बरकरार है, यहां मौजूद 15वीं शताब्दी का किला पौराणिक गंगा झील, जिसे स्थानीय रूप से ग्यार सिनि और बुद्ध विहार के नाम से जाना जाता है, दलाई लामा द्वारा संरक्षित यह यहां का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण हैं। यहां का मौसम सालों भर बेहद ही सुहाना रहता है। जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यूपिया शहर ईटानगर के साथ राज्य का प्रमुख आकर्षण का हिस्सा है। आप चाहें तो इन दोनों शहरों का दौरा एक ही दिन में कर सकते हैं। अगर आप अरुणाचल प्रदेश घूमने जाते हैं और ईटानगर नहीं घूमते हैं तो आपकी यात्रा अधूरी है तो अपने टूर के विश लिस्ट में ईटानगर का नाम जरूर शामिल करें।
- जीरो
इस शहर का नाम ही अपने आप में अनोखा है। जीरो अरुणाचल प्रदेश का एक विचित्र और पुराना शहर है। यहां आपातानी जनजाति के लोग बसते हैं। यह जगह देवदार की पहाड़ियों और चावल के खेतों के लिए प्रसिद्ध है। सालों भर इस शहर की जलवायु हल्की-फुल्की होती है। जिसके कारण यहां सालों भर पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है।
- बोमडिला
अरुणाचल प्रदेश में बसा बोमडिला एक प्राचीन और खूबसूरत शहर है। जो हिमालय पर्वत की खूबसूरती को दिखाता है। यह शहर कई सारे मंदिरों और वन्य जीव अभ्यारण से भरपूर है। यहां पहुंचने वाले पर्यटक सेब के बगीचे और वाइल्डलाइफ अभयारण्य को काफी पसंद करते हैं।
- भालुकपोंग
भालूकपोंग पर्यटन प्रेमियों के लिए एक बेहद ही खास जगह है। यहां आकर लोग प्राकृतिक सुंदरता और वातावरण का लुफ्त उठा सकते हैं। यहां जगल में बहने वाली कामेंग नदी शहर को और भी आकर्षक बनाती है। भालुकपोंग में आप पैदल यात्रा, ट्रेकिंग, कैंपिंग और फिशिंग का मजा ले सकते हैं। पखुई खेल अभयारण्य में बाघों, हाथी। बार्किंग डियर के साथ कई तरह के पक्षियों को भी देख सकते हैं।
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इन शहरों के अलावा भी अरुणाचल प्रदेश में ऐसे कई सारे खूबसूरत शहर और स्थल है। जहां जाकर आप प्रकृति के मनोरम दृश्य का लुफ्त उठा सकते हैं।