lCA Tejas Latest News: स्वदेशी तकनीक पर बनी लड़ाकू विमान तेजस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 19 सितंबर को उड़ान भरी। आपको बता दें कि बतौर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की किसी लड़ाकू विमान में ही आप पहले उड़ान है। ऐसा करने के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऐसे पहले रक्षा मंत्री बन गए हैं। जिन्होंने तेजस में उड़ान भरी है।
बहरहाल चलिए जानते हैं, लड़ाकू विमान तेजस की कुछ खास खूबियों के बारे में जो इसे एक स्वदेशी के तौर पर बेहद ही खास बनाता है।
क्या है स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में खास
इस लड़ाकू विमान की खासियत को इसी बात से समझा जा सकता है कि यह चीन और पाकिस्तान द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किए गए थंडरबर्ड पर अकेला ही भारी पड़ सकता है। जानकारों के मुताबिक यह लड़ाकू विमान सभी मामलों में चीन और पाकिस्तान के द्वारा बनाया गया मिग-21 को कॉपी करके बनाया गया थंडरबर्ड से कहीं गुना ज्यादा बेहतर है। आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक एयर शो में जब तेजस को प्रदर्शित करने की बात की गई थी। तब पाकिस्तान और चीन ने अपनी बेज्जती से बचने के लिए थंडरबर्ड को प्रदर्शनी से हटा लिया था।
लड़ाकू विमान तेजस की तकनीकी खूबी
लड़ाकू विमान तेजस एयरक्राफ्ट की सर्वाधिक गति 1.6 मैक है। यह विमान 2000 किलोमीटर की रेंज को कवर करने वाले तेजस का अधिकतम थ्रस्ट 9163 केजीएफ है। इस लड़ाकू विमान का कॉकपिट कांच से बना हुआ है। इसमें हेलमेट माउंटेड डिस्पले मल्टी मोड रडार कंपोजिट स्ट्रक्चर और फ्लाई बाय डिजिटल सिस्टम जैसे कई सारे आधुनिक फीचर हैं।
इतना ही नहीं इस चैट इस जेट पर दो आर-73 एयर-टू-एयर मिसाइल, दो 1000 एलबीएस क्षमता के बम, एक लेजर डेजिग्नेशन पॉड और दो ड्रॉप टैंक्स हैं। आपको बता दें कि एक तेजस विमान को बनाने में लगभग 300 करोड रुपए का खर्च आता है। इस विमान में ज्यादातर भारतीय तकनीकी होने के बावजूद भी इसमें लगाया गया इंजन अमेरिकी है, वही रडार और वेपन सिस्टम इजरायल का और इंजेक्शन सीट ब्रिटेन की है।
लड़ाकू विमान तेजस का वजन करीब 12 टन है। वह इसकी लंबाई 13.2 मीटर है। इस विमान के पंख का फैलाव 8.2 मीटर है, जबकि इसकी ऊंचाई 4.4 मीटर और रफ्तार 1350 किलोमीटर प्रति घंटा है। भारतीय वायु सेना के जवानों को बेहतर से इसकी तकनीक समझ में आए और दुश्मनों के विमानों से निपटने में सक्षम रहें। इसके लिए इसमें इस्तेमाल होने वाले मिशन कंप्यूटर भारतीय तकनीक पर आधारित है। वहीं इस लड़ाकू विमान में आर72 एयर-टू-एयर मिसाइल के अलावा लेजर गाइडेड मिसाइल और बियांड विजुअल रेंज अस्त्र मिसाइल भी लगाई जा सकती है।
तेजस की बाहरी बनावट और इसका नामकरण
तेजस जेट को बनाने और इसके बाहरी बॉडी का निर्माण करने में भारत निर्मित कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया है। जिसकी वजह से यह हल्का-फुल्का और धातु के मुकाबले बेहद ही मजबूत है। विमान में फ्लाई बाय फायर सिस्टम लैस है। जिसके जरिए यह विमान को उड़ाने में सहायक कंप्यूटर नियंत्रित इनपुट को हासिल करता है। यह तकनीक भी पूरी तरह से भारतीय तकनीक है। बेहद कम लोग ही इस बात को जानते होंगे कि तेजस लड़ाकू विमान का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने किया था, जिसका अर्थ होता है ‘सबसे तेज’।