Isabgol ke Fayde: गाहे बगाहे ही सही लेकिन हम में से हर किसी ने इसबगोल का नाम जरूर सुना होगा। इसबगोल का पौधा हूबहू गेहूं की तरह दिखने वाले एक पौधा है। इसके पौधे में छोटी-छोटी पत्तियां और फूल लगे होते हैं। इसका अंग्रेजी नाम प्लांटागो ओवाटा है। यह एक तरह का फाइबर है। जिसका सेवन करने से शरीर में फाइबर की प्रचुर मात्रा बनी रहती है। विश्व भर में भारत इसबगोल के उत्पादन में सबसे आगे है।
भारत में इसबगोल की खेती सबसे ज्यादा गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में किया जाता है। सबसे मजेदार बात यह है कि विश्वभर में इसबगोल के कुल उत्पादन का 35 प्रतिशत हिस्सा गुजरात में ही पैदा किया जाता है। बेहद कमलोग ही जानते हैं कि इसबगोल इंसान के अलावा जानवरों के लिए भी बेहद ही फयदेमंद होता है। इसबगोल का इस्तेमाल सदियों से इरानी दवाइयों के लिए भी होता रहा है। इसबगोल के कई फायदे हैं जैसे कि फाइबर की प्रचुर मात्रा होने के कारण यह कब्ज से तुरंत राहत दिलाता है। इसके अलावा यह डायबिटीज को नियंत्रित रखता है। इसबगोल की भूसी दिल से संबंधित रोगों के लिए भी फायदेमंद होता है। मधुमेंह के मरीजों को डॉक्टर इसका सेवन करने के लिए कहते हैं इससे शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
इसबगोल का सेवन कई तरह से किया जाता है। कई सारे लोगों को इसबगोल पसंद नहीं होता है ऐसे में इसे कुकीज, बिस्कुट या अन्य किसी कंफेक्शनरी में डालकर लिया जा सकता है। वैसे तो यह स्वाद रहित होता है। लेकिन फिर भी अगर यह खाने में अच्छा ना लगे तो इसमें दूध या शहद मिला कर इसका सेवन किया जा सकता है। हालांकि यह स्वाद में बिल्कुल ही सादा होता है। लेकिन फिर भी कुछ लोग स्वाद के लिए इसमें जूस मिलाकर पीते हैं। इसबगोल को संस्कृत में सत् इसबगोल कहते हैं। इस पौधे के बीजों को निकाल कर इससे भूंसी तैयार किया जाता है। जो कि फाइबर का काम करता है।
कब और कैसे करें इसबगोल का सेवन
जैसा कि हमने पहले भी जिक्र किया कि इसबगोल का सेवन कई तरह से किया जा सकता है। यह स्वाद रहित होता है तो इसे दही के साथ मिलाकर या जूस के साथ मिलाकर इसका सेवन किया जा सकता है। इसबगोल को भीगोकर इसका सेवन करने से यह काफी लाभदायक होता है। आपको अगर इसबगोल का सेवन करना है तो इसे सेवन करने से दो घंटे पहले भिगो लें। भिगोने के बाद यह थोड़ा गाढ़ा हो जाता है। अगर आप इसका सेवन रात को सोने से पहले करते हैं तो यह बावासीर जैसी बिमारी को ठीक करने में आपकी मदद करता है। वहीं अगर आप दिल से संबंधित समस्या से पीड़ित हैं तो दिन में कम सो कम दो बार आप इसका सेवन पानी में मिलाकर करें। आप खाना खाने के बाद इसका सेवन कर सकते हैं। वहीं अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो आप इसका सेवन रोज सुबह गर्म पानी में मिलाकर नींबू के साथ कर सकते हैं।
कब्ज और आंत के रोगों को खत्म करता है खत्म
रोज रात सोने से पहले अगर आप गर्म पानी के साथ इसबगोल का सेवन करते हैं तो अपका मल नियमित रूप से होने लगता है। ईसबगोल की तासीर ठंडी होती है यही कारण है कि यह अधिक गर्मी से होने वाली बिमारी को ठीक करने में मदद करता है। जैसे कब्ज और आंत की समस्या। चिकित्सकों के मुताबिक कब्ज की समस्या के दौरान इसबगोल से बढ़िया उपचार कुछ नहीं होता है। यह शरीर में मौजूद किसी भी तरह के पोषक तत्व को नहीं सोखता है। इसके पीछे यह कारण है कि यह किसी भी तरह के पाचन एंजाइम से अप्रभावित है। चुकि इसमें फाइबर प्रचूर मात्रा में होता है तो यह आंतों को सही मात्रा में पानी अवशोषित करता है और अधिक से अधिक बल्क प्रदान करता है। आप अगर चाहें तो रात के समय ईसबगोल के साथ मिश्री का भी सेवन कर सकते हैं।
दस्त की समस्या के लिए उपयोगी
दस्त की समस्या के दौरान भी ईसबगोल का इस्तेमाल करने से काफी आराम मिलता है। दरअसल यह पाचनतंत्र में मौजूद अन्य सामग्री से पानी अवशोषित करता है और आंत को बल्क में पानी प्रदान करवाता है। जिससे मल कड़ा हो जाता है। यह संक्रमण के दौरान आंत में पैदा हुए सूक्ष्म जीवों को खत्म करने में मदद करता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि यह केवल हल्के दस्त की समस्या को ही खत्म करने में मदद करता है। लेकिन अगर को दस्त की गंभीर समस्या या पेचिस से पीड़ित है तो उसके लिए उसे चिकित्सा करवानी चाहिए। अगर आप दस्त के शुरुआती दौर में हैं तो ईसबगोल में दही मिला कर इसका सेवन करें इससे दस्त के दौरान होने वाले संक्रमण से आराम मिलता है।
एसिडिटी की समस्या में ईसबगोल का करें प्रयोग
अगर आपके पेट में किसी भी तरह का जलन हो रहा है तो साफ है कि आप एसिडिटी की समस्या से पीड़ित हैं। ऐसे में अगर आप ईसबगोल का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके लिए रामबाण का काम कर सकता है। यह पेट में एसिडिटी के कारण होने वाले जलन को खत्म करता है। आयुर्वेद में भी इसबगोल को सीने के जलन के लिए एक सटीक इलाज बताया गया है।
आपको बतादें कि जब ईसबगोल खाने की पाइप और पेट के माध्यम से पार होती है। तब यह झिल्लीदार दीवारों के बीच एक लुब्रीकेट के तौर पर काम करती है। यह एसिड को अपने अंदर अवशोषित कर लेती है और एसिड को पेट के बाहर फेंकने का काम करती है।
खांसी के दौरान लाभदायक है इसबगोल
ईसबगोल को चीनी के साथ लेने से सूखी खाँसी की समस्या में लाभ मिलता है। इसकी पुडिंग गले में होने वाले खराश और सूखी खांसी को खत्म करने में काफी मदद करती है। साथ ही यह गले में होने वाली जलन के भी खत्म करने का काम करती है।
तव्चा के रूखेपन के लिए
इसबगोल के पाउडर को अगर पानी के साथ भिगोकर आप मसाज करते हैं तो इससे आपके त्वचा का रूखापन दूर हो जाता है। साथ ही त्वचा की चमक भी बढ़ जाती है। लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि अगर ईसबगोल को चेहरे पर लगाने के बाद किसी भी तरह की एलर्जी की शिकायत आपको होती है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।