ISKCON Vrindavan Temple: हर वर्ष जन्माष्टमी के मौके उतर प्रदेश के वृंदावन में बने इस्कॉन मंदिर में कृष्ण के जन्म का महोत्सव बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते श्रृद्धालुओं समेत सैलानियों की टुकड़ी भी वृंदावन से नदारद है। ताजा जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण के कारण इस्कॉन मंदिर को सील कर दिया गया है और इस दौरान पुजारी समेत लगभग 22 लोगों के कोरोना संक्रमित पाए जाने की खबर है। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि, ‘लोगों का आना जाना रोक दिया गया है और मंदिर को सील कर दिया है।
संक्रमित पाए गए ब्रह्मचारियों सहित सभी को आइसोलेट कर दिया गया है। इतनी बड़ी संख्या में संक्रमित मिलने से मंदिर को सील करना पड़ा है।
बुखार के बाद हुआ टेस्ट
मथुरा के वृंदावन में रमणरेती पर मार्ग स्थित इस्कॉन मंदिर(ISKCON Vrindavan Temple) श्रद्धालुओं की एंट्री पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद मंदिर के अंदर कृ्ष्ण जी की पूजा-अर्चना नियमित रूप से चल रही थी और दफ्तर का कार्य भी चल रहा था। दो दिन पहले मंदिर में सेवा कर रहे कुछ ब्रह्मचारियों को बुखार की शिकायत होने के बाद उन्हें एक निजी हॉस्पिटल में उपचार के लिए मंदिर प्रबंधन ने भेजा। रविवार को मंदिर में कार्यरत सभी ब्रह्मचारियों और गृहस्थों का कोरोना टेस्ट करवाया गया। जिसमें पुजारी समेत 22 लोगों का टेस्ट पॉजिटिव निकला है। जानकाकी यह भी है कि इसमें कुछ विदेशी श्रृद्धालु भी शामिल हैं।
यह भी पढ़े
- समुद्र में बिछाई गई इस केबल से चंद सेकंड में ही डाउनलोड कर पाएंगे फिल्में!
- अयोध्या की तर्ज पर देश में एक और राम मंदिर की रखी गई नींव, इतनी लागत में हुआ तैयार
गौरतलब है कि प्रशासन ने पहले से ही जन्माष्टमी के मद्देनज़र भीड़ रोकने के लिए मंदिरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे। लेकिन सरकार ने लॉकडाउन को खोलना शुरू कर दिया है जिसके तहत मंदिरों को भक्तों और श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ के लिए खोल रखा है। लेकिन इसके साथ मंदिर प्रशासन को कोविड19 के तहत जारी किए गए नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
गाइडलाइन के अनुसार मंदिरों में बिना मास्क प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। साथ ही हैंड सेनेटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का नियमित रुप से पालन किया जाना चाहिए।