Depression Facts in Hindi: एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के लिए जरुरी है कि आप शारीरिक एवं मानसिक रुप से स्वस्थ हों। अक्सर देखा जाता था कि जरा सी सर्दी जुकाम होने पर हम डाॅक्टर के पास जाते हैं लेकिन बडे से बडे मानसिक रोग के लिए डाॅक्टर के पास जाने में हिचक महसूस करते हैं। मानसिक समस्या को अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है जिससे न केवल मन की शांति भंग रहती है बल्कि हम अपने रोज़मर्रा के काम भी ठीक से नहीं कर पाते।
What is Depression in Hindi: हालांकि अब समय के साथ यह सोच बदल रही है लेकिन अब भी आम लोगों को मानसिक रोगों और समस्याओं के प्रति जागरुक करने की जरुरत है। एक बहुत ही आम मानसिक अवस्था है डिप्रेशन यानी अवसाद। डिप्रेशन एक गंभीर विकार है जो हमारी रोज़मर्रा के जीवन को प्रभावित करता है। यह एक मूड डिसाॅडर है। इसके प्रमुख लक्षण है उदासीनता और ऊब।
हम में से कोई भी किसी भी उम्र मे डिप्रेशन का शिकार हो सकता है। आइए, जानते हैं डिप्रेशन से जुडे कुछ तथ्य(Depression Facts in Hindi) जो आपको इस मूड डिसोडर के बारे में जागरुक करेंगें
1. डिप्रेशन है या नहीं, इस बात का पता करने के लिए डाॅक्टर पता लगाते हैं कि कम से कम दो हफ्ते तक इसके लक्षण हों। इसके बाद ही कहा जा सकता है कि व्यक्ति अवसाद से पीड़ित है या नहीं।
2. डिप्रेशन का सीधा प्रभाव व्यक्ति की सोच, महसूस करने के तरीके और व्यवहार पर पडता है। डाॅक्टर यह ऑब्ज़र्वे करते हैं कि यह केवल उदासीनता यानी सैडनेस है या क्लीनीकल डिप्रेशन के लक्षण हैं।
3. यदि डिप्रेशन की अवस्था का इलाज नहीं किया जाता तो व्यक्ति का मन न केवल नकारात्मक विचारों से घिरा रहेगा, यह अवस्था रोज़मर्रा के कार्यकलापों को भी प्रभावित करेगी और दिनों, महीनों से लेकर सालों तक रह सकती है। अवसाद से पीड़ित व्यक्ति आत्महत्या की कोशिश तक भी जा सकता है।
4. यदि व्यक्ति को हर समय उदासीनता महसूस होती है, रोने का मन करता है, ख़ालीपन महसूस होता है और मन पर निराशा छाई रहती है तो उसे जल्द से जल्द साइकाॅलोजिस्ट या साइकैटरिस्ट से मिलना चाहिए।
5. डिप्रेशन नींद पर भी अपना प्रभाव दिखाने लगता है जैसे नींद न आना या बहुत अधिक नींद आना। दोंनो में से कोई भी अवस्था हो सकती है। अवसाद से पीड़ित व्यक्ति अपने आप को ना काबिल समझने लगता है। उसे अपराध बोध हो सकता है या सेल्फ ब्लेम यानी आत्म दोष की प्रवृति पनप सकती है।
6. इससे सोचने, फोकस करने, निर्णय लेने और याद रखने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पडता है। व्यक्ति थका थका महसूस करता है और कुछ लोगो में अवसाद के समय उत्तेजित व्यवहार देखने को मिलता है। यह परिवार के अन्य सदस्यों के लिए परेशानियां बडा सकता है।
7. मृत्यु के ख्याल आना या आत्महत्या के बारे में सोचना भी अवसाद का एक लक्षण है। व्यक्ति आत्महत्या की कोशिश भी कर सकता है।
8. अवसाद फीजिकल हेल्थ पर भी बुरा प्रभाव डालता है। जैसे पीठ में दर्द होना या सिर में दर्द रहना।
9. डिप्रेशन बच्चों और बडों दोंनो में पाया जाता है। बच्चों में चिडचिडापन और स्कूल जाने से इंकार करना इसके लक्षण है(depression ke lakshan) ।
10. इस मूड डिसऑर्डर से गुजर रहा व्यक्ति मोटापे का शिकार हो सकता है जिससे हार्ट पर बुरा प्रभाव पड सकता है।
11. अलकोहल लेना डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति का आम लक्षण है। इसके अलावा ड्रग्स का सेवन करना भी डिप्रेशन का साइड इफैक्ट(depression ke side effects in hindi) है।
12. अवसाद ग्रस्त व्यक्ति अपने आपको किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकता है। यह मूड डिसऑर्डर कितने समय में ठीक होगा, यह निर्भर करता है कि क्या व्यक्ति को माइल्ड डिप्रेशन है, मोडरेट या फिर सिवीयर डिप्रेशन है। इसका इलाज साइकैटरिस्ट की दवाओं और साइकोलाॅजिस्ट के थेरेपी सैशन से हो सकता है।
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13. एन्टीडिप्रेसेंट दवाओं से डिप्रेशन का इलाज किया जाता है। इन दवाओं को साइकैटरिस्ट की परस्क्रीप्शन से ही लिया जाना चाहिए। दवा लेने से धीरे धीरे अवसाद ग्रस्त व्यक्ति का मन ठीक होने लगता है और नकारात्मक ख्यालों से भी वह बाहर आता है। साइकोलोजिस्ट द्वारा दी जाने वाली कोगनेटिव बीहेविरियल थेरेपी से भी व्यक्ति को अपनी सोच, विचार और व्यवहार को बदलने में मदद मिलती है।