देश के विभिन्न हिस्सों में प्याज की कीमत 80 रुपए से लेकर 120 रुपए प्रति किलो तक पहुंच चुकी है। जिस पर नियंत्रण करने करने के लिए सरकारी कंपनी एमएमटीसी ( MMTC) ने 11 हजार टन प्याज का आयात का जिम्मेवारी लिया है। बता दें कि पिछले महीने ही मिस्त्र द्वारा 6,090 टन का प्याज भारत में आयात हो चुका है। प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में मंत्रियों का एक समूह बनाया गया, जिसमें वित्त मंत्री, कृषि मंत्री और सड़क परिवहन मंत्री भी शामिल हैं। मालूम हो प्याज की कीमत हर राज्य में आसमान छू रही है और इसको देखते हुए लोगों का गुस्सा सरकार पर फूट रहा। साथ ही विपक्षी दल भी सरकार पर प्याज के स्टाॅक नहीं निकालने का आरोप लगा रही।
कई राज्यों में सरकार कम कीमतों पर प्याज उपलब्ध करा रही हैं तो विपक्षी उसपर भी सवाल उठा रही। एमएमटीसी द्वारा मिस्त्र से 6,090 टन आने वाला प्याज दूसरे सप्ताह तक मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टमिर्नल पहुंच सकता है। साथ ही साथ तुर्की को भी 11000 टन प्याज आयात करने का ठेका दिया गया है। जिसके बाद ही उम्मीद है कि प्याज की कीमतों में गिरावट हो सकती है। प्याज हमारे देश से दूसरे देश भेजा जाता था परन्तु इस वर्ष निर्यात के जगह प्याज आयात करना पड़ रहा है, जिसकी वजह खराब मौसम है। भारत दुनिया भर में दूसरा ऐसा देश है जहां प्याज का उत्पादन बहुत अधिक होता है। प्याज उगाने वाले राज्य में सबसे पहले नंबर पर महाराष्ट्र, फिर कनार्टक, गुजरात, बिहार, आंध्र प्रदेश, और पच्श्रिम बंगाल है। व्यापारियों की मानें तो देश भर में बेमौसम बारिश ने फसल बरबाद के साथ ही सरकार की नितियों पर भी पानी फेर दिया है। इस वर्ष अक्टूबर और नवंबर तक कई जगहों पर बारिश देखने को मिली है जिसने फसलों को बर्बाद कर दिया। जिसकी वजह से बाजार में प्याज बहुत कम आई। आम आदमी से लेकर गरीब तक प्याज की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं। अब देखना यह है कि मिस्र और तुर्की जैसे देशों से निर्यात कर भारत में प्याज का दाम कम होता है या नहीं।