Corona Medicines: भारत वासियों को कोरोना वायरस से लड़ते हुए लगभग छह महीने का वक़्त बीत चुका है। इस दौरान इस खतरनाक वायरस के वैक्सीन का मार्केट में आने का अभी भी लोग केवल इंतज़ार ही कर रहे हैं। हालाँकि रूस कोविड-19(Covid-19) का वैक्सीन तैयार करने का दावा जरूर कर रहा है, लेकिन इसे लेकर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य कई देशों द्वारा संदेह व्यक्त किया जा चुका है। इस बीमारी से लड़ने में मददगार अभी केवल कुछ दवाईयों का ही सहारा है। यहाँ हम आपको उन्हीं दवाओं के नाम और उसके दाम के बारे में बताने जा रहे हैं।
तीन दवाएं कोविड-19 को हारने में कर सकती है मदद

जैसा कि, आप सभी जानते हैं भारत इस समय कोरोना संक्रमित(Coronavirus) देशों की लिस्ट में नंबर वन पर पहुंच गया है। इस वायरस की अभी तक कोई वैक्सीन बनकर तैयार नहीं हुआ है। लेकिन इसके वाबजूद भी भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्या अन्य देशों की तुलना में कम है। बता दें कि, यहाँ कोविड के मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर तीन मुख्य दवाओं(Corona Medicine) का उपयोग कर रहे हैं जो मरीजों पर कारगर भी साबित हुई है। इन्हीं दवाओं की मदद से काफी हद तक लोगों की जाना भी बचाई जा सकी है।
कोरोना संक्रमित मरीजों पर इन तीन दवाओं का किया जाता है उपयोग

रेमडेसिविर: इस क्रम में पहला नाम आता है रेमडेसिविर(Remdesivir) का। इस दवा को कुछ सालों पहले एक अमेरिकी फार्मा कंपनी गिलीड द्वारा तैयार किया गया था। जानकारी हो कि, इस कारगर दवा का उपयोग कुछ सालों पहले अफ्रीका में फैले इबोला वायरस के इलाज के लिए किया गया था। इन दिनों इस बेहद कारगर दवा का उपयोग कोविड के मरीजों पर भी किया जा रहा है। इसका पॉजिटिव असर नजर आने के बाद बहुत से देशों ने इस दवा का जेनेरिक वर्जन भी बना लिया है। इसी तर्ज पर भारतीय फार्मा कंपनी जायडस कैडिला ने भी बीते 12 अगस्त को इस दवा का सबसे सस्ता जेनेरिक वर्जन लॉन्च किया है। भारत में इस दवा के 100 मिलीग्राम की कीमत 2800 है।
फैविलो : कोविड-19 के इलाज के लिए हैदराबाद स्थित मेडिसिन कंपनी एमएसएन लेबॉरेट्रीज ने भी सिप्ला की तरह एक दवा का निर्माण किया है। इस दवा का नाम फैविलो रखा गया है जो फैवीपिराविर का जेनेरिक वर्जन होगा। बता दें कि, इस दवा को कल 15 अगस्त के अवसर पर लॉन्च किया जा रहा है। एबीपी न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार ये मेडिसीन 200mg टेबलेट में मिलेगी और कोविड-19 के इलाज के लिए मरीजों को इसकी 34 टैबलेट लेनी होगी। सबसे अच्छी बात यह कि, इस एक टैबलेट की कीमत सिर्फ 33 रूपये होगी।
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सिप्लेंजा : जैसा कि नाम से ही अंदाजा लगाया जा सकता है इस दवा को मशहूर भारतीय फार्मा कंपनी सिप्ला ने बनाया है। ये दवा फैविपीराविर एंटीवायरल ड्रग का भारतीय जेनेरिक वर्जन है। जानकारी हो कि, सिप्ला ने इस दवा को अगस्त के फर्स्ट वीक में ही लॉन्च कर दिया था। इन दिनों इस दवा का इस्तेमाल इमरजेंसी के हालतों में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों पर किया जा रहा है। सिप्ला ने इस दवा के एक टैबलेट की कीमत 68 रुपया तय की है। यह दवा केवल अस्पतालों के माध्यम से ही मरीजों को दिया जा रहा है।