Lockdown Tax: कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन घोषित है। लॉकडाउन हुआ तो सरकारी से लेकर गैर-सरकारी तक सभी कामकाज ठप्प हो गए। कामकाज बंद होने का असर न सिर्फ जनता पर दिखाई दे रहा है, बल्कि सरकारों पर भी दिखने लगा है। आलम ये हुआ कि अब सरकारी खजाना पूरी तरह से खाली हो गया। जी हां, अब जब सरकारी खजाना खाली हो ही गया, तो उसे भरने के लिए सरकारों ने लॉकडाउन टैक्स पर विचार करना शुरु कर दिया। ऐसे में, आपके लिए यह ज़रूरी हो जाता है कि आप इसके बारे में पहले से ही जान लें, ताकि आगे चलकर परेशानी न हो।
सबसे पहले दिल्ली में लागू हुआ लॉकडाउन टैक्स (Lockdown Tax will Affect these things)


दिल्ली सरकार ने शराब की डिमांड को देखते हुए 70 फीसदी टैक्स बढ़ाया, जिसके बाद भी लोगों ने जमकर खरीददारी की। शराब महंगी होने से दिल्ली सरकार के राजस्व में काफी इजाफा हुआ। दरअसल, केजरीवाल खुद ये बात स्वीकार कर चुके हैं कि दिल्ली को राजस्व में काफी नुकसान हुआ और इसकी भरपाई के लिए टैक्स बढ़ाया गया है। ऐसे में दिल्ली में शराब पर बढ़े टैक्स को हम लॉकडाउन टैक्स कह सकते हैं। मसला सिर्फ यही तक नहीं था, बल्कि लॉकडाउन टैक्स असर देश के कोने कोने में भी अब दिखने लगा।
ऑध्रप्रदेश में भी उठाया ये कदम
दिल्ली की राह पर आंध्रप्रदेश की सरकार ने भी शराब पर 25 फ़ीसदी ज़्यादा टैक्स लगा दिया, जिसके बाद मंगलवार को इसमें 50 फ़ीसदी का और इज़ाफ़ा कर दिया गया। इसके बाद अब राज्य सरकार 75 फ़ीसदी टैक्स वसूल कर रही है। आपको बता दें कि राज्य के सभी 3,468 रिटेल आउटलेट सरकार के स्वामित्व वाले हैं। ऐसे में, इससे प्रति वर्ष 9,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, जिससे नुकसान को आसानी से भरा जा सकता है।
इन चीज़ों पर भी लग सकता है लॉकडाउन टैक्स
शराब, तेल और फ्यूल के बाद अब सरकार अन्य चीज़ों पर भी लॉकडाउन टैक्स लगाने का विचार कर रही है, जिसमें एंटरटेनमेंट टैक्स, म्यूनिसिपल टैक्स, स्थानीय पंचायत सेस, कार और प्रॉपर्टी पर रजिस्ट्रेशन चार्ज आदि शामिल है। इससे सरकार को भारी मुनाफा होगा और अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सकेगी।
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