Evaldas Rimasauskas: यूरोप के लिथुआनिया देश के इस व्यक्ति ने सन 2013 से 2015 के बीच में गूगल और फेसबुक दोनों को लगभग 836 करोड़ रूपये का चूना लगाया। यह व्यक्ति फेसबुक से 678 करोड़ और गूगल से 157 करोड़ की ठगी करने में कामयाब रहा।
रिमासौस्कस ने कम्पनियो के सर्वरों को हैक नहीं किया और ना ही उसके बैंक खातों की जानकारी चुराई। इसके बजाए उन्होंने एक साधारण योजना बनाई। उन्होंने कम्पनियो को उन वस्तुओं के लिए चालान भेजे जिन्हें उन्होंने मंगवाया ही नहीं था। चालान के साथ झूठे हस्ताक्षर किए गए जाली कागजों का एक समूह, जिसमें अनुबंध और आधिकारिक कॉर्पोरेट संचार पत्र भेजे, ताकि यह प्राधिकृत दिख सके।
रिमासौस्कस ने लातविया में क्वांटा कंप्यूटर (Quanta Computer Inc) नामक एक नकली हार्डवेयर कंपनी भी पंजीकृत की, जो ताइवान में एक वास्तविक कंपनी है।
हैरानी की बात यह है कि दोनों कंपनियों ने रिमासौस्कस को भुगतान किया।
रिमासौस्कस की योजना इतनी विश्वसनीय थी कि फेसबुक या गूगल ने जाँच ही नहीं की कि क्या रिमासौस्क के चालान वैध थे। दोनों कंपनी ने बड़ी सरलता से रिमासौस्क को भुगतान कर दिया। रिमासौस्कस ने तब साइप्रस, लिथुआनिया, हंगरी, स्लोवाकिया और लातविया में स्थापित बैंक खातों में धन हस्तांतरित किया।
रिमासौस्क को अंततः गूगल द्वारा खोजा गया था, यही वजह है कि अब रिमसकॉस्क को अमेरिका में वायर फ्रॉड, एग्रेसिव आइडेंटिटी चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। वह अब 342 करोड़ रुपये दंड के रूप में देने के लिए सहमत हो गया है और 29 जुलाई को सजा सुनाए जाने पर उसे 30 साल तक की कैद का भी सामना करना पड़ सकता है।
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