Kerala News: भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां सभी धर्मों के लोग प्रेम भाव से रहते हैं। फिर भी इस देश में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बहुत कम ही देखने को मिलती है। ऐसे में एक बार फिर से हिंदू-मुस्लिम एकता की एक बड़ी मिसाल केरल में देखने को मिली है। यहां एक मुस्लिम दंपत्ति की ओर से हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का एक बड़ा ही अद्भुत नमूना पेश किया गया है, जिसकी चर्चा इस वक्त हर ओर होने लगी है। यह घटना केरल के कासरगोड की बताई जा रही है।
बना चर्चा का केंद्र
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां एक मुस्लिम दंपत्ति ने एक हिंदू बेटी को गोद लिया हुआ था। इन्होंने अपनी गोद ली हुई बेटी को पाल-पोस कर बड़ा किया। इसके बाद जब बेटी की शादी करने का वक्त हो गया तो इस मुस्लिम दंपत्ति ने मुस्लिम रीति-रिवाजों से नहीं, बल्कि हिंदू रीति-रिवाजों से अपनी गोद ली हुई हिंदू बेटी की शादी करवाई। जी हां, यहां के एक मंदिर में अपनी बेटी की शादी पूरी तरह से हिंदू विधि-विधान से इन्होंने करवाई है। मुस्लिम दंपत्ति द्वारा उठाया गया यह कदम इस वक्त सोशल मीडिया में भी चर्चा का केंद्र बन गया है। हर कोई उनके इस कदम की तारीफ करता हुआ नजर आ रहा है।
यहां हुई शादी (Kerala News)
बीते रविवार को यह शादी कासरगोड के भगवती मंदिर में संपन्न हुई है। मुस्लिम दंपत्ति ने राजेश्वरी नाम की एक बेटी को गोद लिया था। अपनी इस बेटी का विवाह उन्होंने विष्णु प्रसाद नाम के एक शख्स से तय किया था। तय कार्यक्रम के मुताबिक बीते रविवार को भगवती मंदिर में इन दोनों की शादी करवाई गई। इस शादी में पूरे परिवार एवं दोस्तों के साथ हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के सदस्यों की ओर से भाग लिया गया। इस तरह से यहां हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल पेश की गई जो कि आज के वक्त में बहुत कम ही देखने को मिल पा रही है।
पाल-पोस कर किया बड़ा
बताया जा रहा है कि राजेश्वरी की मां की मौत तभी हो गई थी, जब वह बहुत छोटी थी। उसके पिता उसे पाल रहे थे। वह अब्दुल्ला के फार्म में काम किया करते थे। इसी दौरान राजेश्वरी के पिता की मौत हो गई। इसके बाद अब्दुल्ला और खादीजा ने राजेश्वरी को बेटी के तौर पर गोद ले लिया। उन्होंने पूरे प्यार से इसे पालना शुरू कर दिया। अब्दुल्ला और खादीजा के नजीब, शमीम और शरीफ नाम के बच्चे थे। राजेश्वरी को बिल्कुल उन्होंने अपनी इन बच्चों की तरह ही पाला। उन्होंने कभी भी इनके बीच कोई भेदभाव नहीं किया। साथ ही राजेश्वरी हिंदू रीति-रिवाजों को भी मानती रही और इसके लिए उसे बिल्कुल भी रोका-टोका नहीं गया। इस तरह से राजेश्वरी एक मुस्लिम परिवार में पल-बढ़ कर शादी करने लायक भी हो गई।
मस्जिद कमेटी ने की मदद
हिंदू मुस्लिम एकता का एक और उदाहरण केरल (Kerala News) में ही बीते जनवरी में देखने को मिला था। यह घटना केरल के कायमकुलम में घटी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां बिंदु नाम की एक महिला चेरुवल्ली मुस्लिम जमात मस्जिद के पास रहती थी। उसे अपनी बेटी की शादी करने में दिक्कत आ रही थी। ऐसे में उसने मस्जिद कमेटी के पास जाकर अपनी 22 साल की बेटी की शादी के लिए उनसे मदद की गुहार लगाई। उसने मस्जिद कमेटी को बताया कि अपनी बेटी की शादी करने में उसे बड़ी दिक्कत हो रही है, क्योंकि उसके पास इतने पैसे नहीं हैं।
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धूमधाम से हुई हिंदू बेटी की शादी
बिंदु की बेटी अंजू की शादी के लिए मस्जिद कमेटी तुरंत तैयार भी हो गई। मस्जिद कमेटी ने धूमधाम से अंजू की शादी की। अंजू की शादी में मस्जिद कमेटी की ओर से न केवल 2 लाख रुपये दिए गए, बल्कि सोने के 10 सिक्के भी भेंट किए गए। साथ ही मस्जिद में ही शादी समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इसमें 1000 से भी अधिक लोगों ने भाग लिया। शादी में आए सभी लोगों के लिए अच्छे भोजन की व्यवस्था भी की गई थी। मस्जिद में इस शादी को बड़े ही धूमधाम से संपन्न किया गया।