Vinaya Pai Kerala: दुनिया में बहुत से लोग शिकायत करते हैं कि परेशानियां यहां भरी हुई हैं। बहुत से लोग गरीबी की शिकायत करते हैं तो बहुत से लोग कहते हैं कि आज के वक्त में कोई एक-दूसरे के काम नहीं आना चाहता, लेकिन असल में ये शिकायत करने वाले लोग खुद भी उस बदलाव का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं, जिस बदलाव की हुए बात करते हैं।
फिर भी हमारे समाज में बहुत से ऐसे लोग हैं जो न केवल खुद के बारे में सोचते हैं, बल्कि उससे भी एक कदम आगे बढ़कर वे दूसरों के बारे में भी सोचते हैं। ये न केवल सोचते हैं, बल्कि करके भी दिखाते हैं। यही वजह है कि समाज में बहुत से ऐसे जरूरतमंद हैं, जिनकी इन लोगों द्वारा मदद हो जा रही है। यहां हम आपका एक ऐसी ही 60 साल की महिला से परिचय करवा रहे हैं, जो कि रात 2 बजे ही उठ जाती हैं और बुजुर्गों व मरीजों के लिए स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन तैयार करती हैं।
Vinaya Pai Kerala दुनिया में बहुत से लोग शिकायत करते हैं कि परेशानियां यहां भरी हुई हैं। बहुत से लोग गरीबी की शिकायत करते हैं तो बहुत से लोग कहते हैं कि आज के वक्त में कोई एक-दूसरे के काम नहीं आना चाहता, लेकिन असल में ये शिकायत करने वाले लोग खुद भी उस बदलाव का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं, जिस बदलाव की हुए बात करते हैं। फिर भी हमारे समाज में बहुत से ऐसे लोग हैं जो न केवल खुद के बारे में सोचते हैं,
बल्कि उससे भी एक कदम आगे बढ़कर वे दूसरों के बारे में भी सोचते हैं। ये न केवल सोचते हैं, बल्कि करके भी दिखाते हैं। यही वजह है कि समाज में बहुत से ऐसे जरूरतमंद हैं, जिनकी इन लोगों द्वारा मदद हो जा रही है। यहां हम आपका एक ऐसी ही 60 साल की महिला से परिचय करवा रहे हैं, जो कि रात 2 बजे ही उठ जाती हैं और बुजुर्गों व मरीजों के लिए स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन तैयार करती हैं।
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त्रिशूर की हैं रहने वाली (Vinaya Pai Kerala)
जी हां, इनका नाम है विनाया पई। यह केरल के त्रिशूर की रहने वाली हैं। 60 साल की ये हो चुकी हैं, मगर फिर भी रात में 2 बजे ही इनके दिन की शुरुआत हो जाती है। बुजुर्गों और मरीजों के लिए भोजन तैयार करने के दौरान वे उनकी डाइट का भी पूरा ख्याल रखती हैं। साथ ही उनकी जरूरत के मुताबिक ही वे भोजन में मसालों के साथ सब्जियों का भी प्रयोग करती हैं। भोजन तैयार करने के दौरान विनाया डॉक्टर से भी इस बारे में बात जरूर कर लेती हैं और भोजन उसी के हिसाब से तैयार करती हैं।
नहीं लेतीं किसी की मदद
विनाया की यह खासियत है कि बाकी उम्रदराज लोगों की तरह उनकी लाइफस्टाइल बिल्कुल भी नहीं है। वे आराम तो जैसे करना ही नहीं चाहती हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि वे खुद को बुजुर्ग मानने से भी इंकार कर देती हैं। इतनी उम्र में भोजन तैयार करने के बावजूद वे इस काम में किसी की भी मदद नहीं लेती हैं। सुबह 7 बजे तक वे नाश्ता तैयार कर लेती हैं। जहां कई लोग उनके घर से पका हुआ भोजन लेकर जाते हैं, वहीं कई लोगों के लिए उन्होंने होम डिलीवरी की भी सुविधा उपलब्ध करा रखी है। इसके लिए वे बहुत ही मामूली पैसे लेती हैं।
हमेशा से था सपना
विनाया के परिवार का केरल के कोडुंगल्लर मैं एक होटल हुआ करता था। बचपन के दिनों में वे इसी होटल में शेफ से कई सारी चीजें बनाना सीखती थीं। हमेशा से ही उनका एक सपना रहा था कि वे फूड चैन की शुरुआत करें। विनाया के मुताबिक जब वे 25 साल की थीं तो उन्हें बैंक में नौकरी मिल गई। हालांकि, नौकरी करने के साथ ही उन्होंने पापड़ और चिप्स का बिजनेस करना भी शुरू कर दिया था। करेला, केला, गाजर और कटहल के चिप्स तैयार करके वे बेचा करती थीं। आस-पास के गांव में उनके चिप्स की सप्लाई होती थी।
छोड़ दी नौकरी
उन्हें जब एक सरकारी योजना जन शिक्षण संस्थान का हिस्सा बनने का अवसर मिला तो उन्होंने अपनी बैंक की नौकरी को इसके लिए छोड़ दिया। जो लोग कम पढ़े-लिखे थे या फिर जो आर्थिक रूप से बहुत ही कमजोर थे, इस योजना के तहत उन लोगों को ट्रेनिंग दी जाती थी। इसका उद्देश्य था कि इस तरीके से इन लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बना दिया जाए। इस योजना के तहत करीब 10 हजार लोगों को विनाया की ओर से जैम, पापड़ और चिप्स बनाने की ट्रेनिंग दी गई। विनाया ने एक डायरी बना रखी है, जिसमें उन्होंने मरीजों और बुजुर्गों की जरूरत के अनुसार उन्हें किस तरह का खाना चाहिए, यह लिख रखा है। उसी के मुताबिक वे उनके लिए भोजन तैयार करती हैं।