हिंदू धर्म में हनुमान जी को सबसे बलशाली ईश्वर माना जाता है क्योकि उनके होने के प्रमाण आज भी हैं। हनुमान जी जितने बलशाली हैं उतने भी भोले भी हैं उनकी सच्चे मन से अराधना करने से आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है और आपको कभी किसी का भय भी नहीं रहेगा। हनुमान जी को तमाम पहलवान पूजते हैं क्योंकि उन्हें पहलवानी करने के लिए ताकत की जरूरत होती है और सभी जानते हैं कि Hanuman Ji जैसा बलशाली तो दूसरा कोई है ही नहीं। ब्रह्माचार्य होने के बाद भी हनुमान जी को महिलाओं की अहम चीज सिंदूर क्यों अर्पित की जाती है, क्या आप जानते हैं इस बारे में ?
क्यों करते हैं Hanuman Ji को सिंदूर अर्पित ? [Hanuman Sindoor Puja]
मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने का उत्तम दिन माना जाता है। इनकी पूजा करने से जीवन से सभी तरह के डर दूर हो जाते हैं और आपका जीवन सुखमय हो जाता है। हनुमान जी को पूजा करते समय सिंदूर अर्पित करना जरूरी होता है और इसके पीछे की ये बात मानी जाती है कि उनको सिंदूर अर्पित करने से हर मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और भगवान श्रीराम की भी कृपा बनी रहती है। हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा है जिसे हर किसी को पता होना चाहिए। दरअसल ये बात तब की है जब त्रेता युग चल रहा था और हनुमान जी श्रीराम के परम भक्त थे (वैसे भक्त आज भी हैं और हमेशा रहेंगे।) तो उस समय वे श्रीराम से जुड़ी हर चीज में भावुक हो जाते थे।
जब सीता मां रावण की कैद से आजाद करवाने के बाद श्रीराम, हनुमान जी और वानर सेना जीत हासिल करने के बाद अयोध्या नगरी वापस आए तो खूब धूम का माहौल था। तब से लेकर श्रीराम के समाधि लेने तक हनुमान जी उनके साथ ही रहे। राजमहल वापस आने के बाद श्रीराम जी, माता सीता और लक्ष्मण जी का भव्य स्वागत भी किया गया था और वहीं एक दिन श्रृंगार के दौरान माता सीता अपनी मांग में सिंदूर लगा रही थीं। तभी हनुमान जी उनके पास गए और पूछा, ‘माता आप ये सिंदूर अपनी मांग में क्यों भर रही हैं?’ इसपर माता सीता ने हंसते हुए जवाब दिया, ‘सिंदूर लगाने से स्वामी की आयु बढ़ जाएगी और स्वामी को जीवन में कभी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।’ माता सीता की बात बहुत गौर से सुनने के बाद हनुमान जी ने सोचा कि अगर इतना सा सिंदूर लगाकर स्वामी की उम्र बढ़ती है तो अगर वो पूरा सिंदूर अपने शरीर पर लगा लेंगे तो वे अमर रहेंगे। बस फिर क्या था हनुमान जी तुरंत बाहर गए और उन्होंने खूब सारा सिंदूर लिया और उसमें घी मिलाकर अपने शरीर पर लगाने लगे।
हनुमान जी ऐसा कर ही रहे थे कि वहां पर श्रीराम और सीता माता सहित कुछ लोग उपस्थित हुए। श्रीराम सहित सभी लोग बजरंगबली को देखकर हंसने लगे और कुछ लोग उनका मजाक भी बनाने लगे। जब रामजी ने उनसे पूछा कि आखिर उन्होने अपने शरीर में इतना सारा सिंदूर क्यों लगाया है ? तब हनुमान जी ने जवाब दिया, ”हे प्रभु, सीता मां ने बताया था कि सिंदूर लगाने से आपकी उम्र लंबी हो जाएगी और आपके जीवन में कोई परेशानी नहीं आएगी। इसलिए मैंने पूरे शरीर में सिंदूर लगा लिया है। अब आप अमर हो जाएंगे और आपको कभी कोई परेशानी नहीं आएगी।” हनुमान जी की बात सुनकर श्रीराम जी प्रसन्न हो गए और उन्होंने हनुमान जी को गले लगा लिया। इसके साथ ही हनुमान जी को कहा, ”जो लोग तुम्हे सिंदूर और घी अर्पित करेंगे उनकी हर मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी और तुम्हारी या मेरी कृपा उनके ऊपर सदैव बनी रहेगी।” तभी से हनुमान जी को सिंदूर और घी अर्पित किया जाने लगा। ऐसा भी कहा जाता है कि अगर हर मंगलवार, शनिवार और हनुमान जयंती पर इनकी पूजा इसी तरह की जाए और इनकी मूर्ति को सिंदूर से लेप दिया जाए या तस्वीर पर सिंदूर अर्पित किया जाए तो हनुमान जी हर तरह से अपने भक्त की रक्षा करते हैं।
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