(Kartik Purnima 2018) हिन्दी पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं। प्राचीन समय में इस तिथि पर शिवजी ने त्रिपुरासुर नाम के दैत्य का वध किया था, इस कारण इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इसके अलावा मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर ही भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार भी लिया था।


पूर्णिमा पर क्या-क्या करना चाहिए (Kartik Purnima 2018)
स्नान करते समय सभी तीर्थों का ध्यान करना चाहिए। स्नान करने के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। भगवान विष्णु के लिए सत्यनारायण भगवान की कथा करनी चाहिए।
इस दिन गरीबों को फल, अनाज, दाल, चावल, गरम वस्त्र आदि चीजों का दान करना चाहिए।
इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाकर : ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।


माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
कार्तिक पूर्णिमा का दिन मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है। इस दिन माता लक्ष्मी की आराधना करने से जीवन में खुशियों की कमी नहीं रहती है। पीपल में लक्ष्मी माता का वास माना गया है इसीलिए इस दिन पीपल की पूजा करके उस पर दीपक लगाना चाहिए।