नारकंडा हिमाचल प्रदेश का सबसे खूबसूरत स्थान है। यह शिमला से थोड़ा ही आगे बसा है। अगर आप शिमला से आगे घाटी के ऊबड़-खाबड़ वाले इलाके में नहीं जाना चाहते तो आपके लिए नारकंडा एक बहुत अच्छी जगह है।
नारकंडा भी शिमला पर्यटन का ही एक भाग है। पुरे नारकंडा में एक दिन में आसानी से घुमा जा सकता है। हमारे ख्याल से अगर आप वह घूमने जा रहे हो तो कुछ दिन वहां पर गुजारने चाहिए। हम आपको उसके आस पास घूमने की जगहों के बारे में बताएगे।
हिमचाल के नारकंडा में देखने की जगहे (Places to visit in Narkanda Himachal Pradesh)
हाटू माता मंदिर – भारत में ज्यादातर घूमने के तीर्थ स्थल ही मिलते है। इसी तरह हाटू की चोटी पर माता हाटू का मंदिर है। इस मंदिर में आपको हिमाचली शैली देखने को मिलेगी। यह मंदिर वहां बनाया गया है। जहां से स्वर्ग की ओर पांडवो की आखिरी यात्रा के दौरान द्रोपदी की मृत्यु हुई थी।
इस मंदिर के चारो ओर लकड़ी के पटल है। जिन पर महाभारत और रामायण जैसी कथाएँ दिखाई गयी है। अगर आज भी हम इस मंदिर देखते है तो काफी नया लगता है।
तानी झुब्बर झील –
यह नारकंडा की एक चोटी सी कृत्रिम झील है। यह नाग देवता मंदिर के नज़दीक है। इसके चारो ओर ऊंचे देवदार के पेड़ खड़े हैं। तानी जुब्बार लोकप्रिय उद्यानभोज का स्थल है। अगर आप नारकंडा के मौसम का लुफ्त उठाने सबसे अच्छी जगह है।
सेंट मेरी चर्च, कोटगढ़ –
सेंट मेरी चर्च कोटगढ़ में स्थित है। यह उतर भारत की सबसे पुराने गिरजाघर में से एक है। इसका निर्माण 1872 में चर्च मिशनरी समाज ने करवाया था। इस गिरजाघर के ऊपर एक सुन्दर सा घंटा घर भी है। सेंट मेरी चर्च में आपको हिंदी बाइबल देखने को मिलेगा। यह पर आपको हाथ से बनाया गया नक्शा भी काफी दिलचस्प है।
ठानेधार – यह सेब के बागानों के लिए मशहूर है। आपको यह हर मार्ग या स्थान पर सेब के पेड़ जरूर नज़र आएगे। यह पर घूमने के लिए ओर भी काफी मशहूर जगह है। जैसे की परमज्योति वेदिक आर्य मंदिर इस मंदिर की सभी दीवारों पर संस्कृत के पद्य लिखे हुए हैं।
हाटू चोटी, नारकंडा –
हाटू चोटी की ऊंचाई लगभग 3352 मीटर है। यह की घाटिया दिखने में बहुत ही आकर्षक है। यह परिवार के साथ घूमने की एक बहुत ही अच्छी जगह है। हाटू चोटी के नज़ारे बहुत ही प्रसिद्ध है।
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