Anurag Kashyap Biography: किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि घर से केवल 5000 रुपए लेकर निकला शख्स इतना बड़ा फिल्म निर्माता बन जाएगा अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) भारतीय सिनेमा जगत के एक ऐसे निर्देशक और स्क्रीन्राइटर हैं। जो अक्सर विवादों में रहते हैं इसके बावजूद उनके द्वारा बनाई गई फिल्मों को लोग बेहद ही उत्सुकता के साथ देखना पसंद करते हैं। यही कारण है कि विवादों में रहने के बावजूद भी उन्हें कई सारे अवॉर्ड्स से नवाजा गया है।
अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) का जन्म बिहार के गोरखपुर में 10 सितंबर 1972 के दिन हुआ था। अनुराग के पिता का नाम प्रकाश सिंह है। अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) के परिवार में उनके अलावा उनका एक भाई और बहन भी है। जिनका नाम अभिनव कश्यप और अनुभूति कश्यप है। अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) ने अपनी शुरुआती पढ़ाई देहरादून के ग्रीन स्कूल और ग्वालियर स्थित सिंधिया स्कूल से किया है। अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) शुरू से सिनेमा जगत में अपना करियर बनाना चाहते थें।लेकिन बीच में उनके ऊपर साइंटिस्ट बनने का जुनून सवार हो गया। इसके लिए उन्होंने दिल्ली स्थित हंसराज कॉलेज के जियोलॉजी डिपार्टमेंट में एडमिशन ले लिया। लेकिन इसमें उन्हें मजा नहीं आ रहा था। तो वापस उन्होंने फिर से सिनेमा जगत में ही जाने का फैसला किया।
कैसे हुई अनुराग कश्यप के फिल्मी करियर की शुरुआत
दरअसल अनुराग स्कूल के दिनों से ही फिल्मों के प्रति काफी लगाव रखते थें। लेकिन आगे चल कर उन्होंने वैज्ञानिक बनने का फैसला किया। लेकिन जब पढ़ाई में उनका मन नहीं लगा तो उन्होंने फिर से फिल्मी दुनिया में जाने का और अभिनय करने का मन बना लिया। साल 1993 में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने ‘जन नाट्य मंच’ नाम के एक थिएटर समूह को ज्वाइन किया। अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) के बारे में कहा जाता है कि शुरुआती दिनों में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा लिया और केवल 10 दिनों में ही 55 से अधिक फिल्में में देख डाली। इन दिनों वह Vittorio De Sica’s की फिल्म बाइसिकल थीव्स (Bicycle Thieves) से काफी प्रभावित हुए और फिल्म बनाने का फैसला कर लिया।
उनके उपर फिल्म बनाने का जुनून इस कदर चढ़ा कि वह केवल 5000 रुपए लेकर घर से निकल पड़े और अपने सपने को पूरा करने के लिए मुंबई पहुंच गए। करियर की शुरुआती दिनों में उन्हें मुंबई में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उनके पास रहने के लिए घर भी नहीं हुआ करता था और कभी-कभार सड़कों के किनारे लगे बेंच पर वह रात बिताया करते थें।
अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) की पहली नौकरी लगी मुंबई स्थित पृथ्वी थिएटर में। लेकिन यहां वह जिस निर्देशक के लिए काम कर रहे थें। उसकी मृत्यु हो गई और उनका पहला नाटक अधूरा रह गया। अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) के जीवन में एक बार फिर से उतार-चढ़ाव का दौर चला। कुछ समय बाद उनकी मुलाकात हुई मनोज वाजपेई से, वाजपेई ने अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) से कहा कि वह रामगोपाल वर्मा के लिए एक फिल्म लिखें, जिसका शीर्षक था ‘सत्या’। यह फिल्म बॉलीवुड की सुपर हिट फिल्म साबित हुई। इसने बॉक्स ऑफिस पर अपना अच्छा खासा प्रभाव छोड़ा। अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) की दो पत्नियां रह चुकी हैं। सबसे पहले उन्होंने आरती बजाज से शादी की लेकिन आगे चलकर यह रिश्ता टूट गया और फिर उन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्री कल्की के साथ शादी कर ली। उनकी एक बेटी भी है जिसका नाम है आलिया कश्यप।
आगे चलकर अनुराग ने खुद के निर्देशन में एक फिल्म बनाने की सोची। जिसका शीर्षक था ‘पांच’, लेकिन यह फिल्म रिलीज होने से पहले ही विवादों में आ गई। आपको जानकर हैरानी होगी कि अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) की यह पहली फिल्म आज तक रिलीज नहीं हो पाई है। साल 2009 में उन्होंने खुद का प्रोडक्शन हाउस खोलने का फैसला किया। इसी के साथ उन्होंने ‘अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड’ की स्थापना की।
किन कारणों से विवाद में रहे अनुराग कश्यप
साल 2000 में उन्होंने अपने निर्देशन में पहली फिल्म बनाई ‘पांच’ जिसमें युवाओं के हिंसक किरदारों को दिखाया गया था। इस कारण से यह फिल्म विवादों में आ गई और सेंसर बोर्ड ने पूरी फिल्म पर ही कैंची चला दिया।
इसके बाद एक अलग तरह की निर्देशन के लिए जाने जाने वाले अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) को जैसे विवादों में रहने की आदत सी बन गई। साल 2007 में उनकी दूसरी फिल्म आई ‘ब्लैक फ्राईडे’ इस फिल्म में उन्होंने 1993 में हुए मुंबई ब्लास्ट के कुछ सेंसिटिव इशू को फिल्म के माध्यम से प्रदर्शित किया। कश्यप की यह फिल्म भी विवादों के घेरे में आ गई। अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) के ऊपर हर बार यह आरोप लगा कि वह फिल्मों के माध्यम से सेक्स, ड्रग्स और गाली को बढ़ावा देते हैं। इस कारण से कई बार वह मीडिया में भी विवादों में बने रहें।
अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) और सेंसर बोर्ड के बीच टकराव का यह सिलसिला आगे भी चलता रहा। साल 2016 में उनके फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ के लिए उन्हें सेंसर बोर्ड से लड़ना पड़ा। हालांकि काफी मशक्कत और फिल्म के सींस में बदलाव करने के बाद यह फिल्म रिलीज हो गई।
अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) अपनी फिल्मों में अलग तरह के प्रभाव को दिखाने के लिए काफी रिसर्च करते हैं। फिल्मों के कैरेक्टर के ऊपर वह तब तक काम करते हैं। जब तक उस कैरेक्टर में बतौर निर्देशक घुस नहीं जाते। अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) को फिल्मों में एक खास तरह के इफेक्ट को भी डालने के लिए जाना जाता है। अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) को फिल्म बनाने की ‘गुरिल्ला तकनीक’ के कारण भी कई बार विवादों का सामना करना पड़ा है। इस तरह की फिल्मों में वास्तविक स्थानों के दृश्यों को किसी भी चेतावनी के बिना फिल्म में दिखाया जाता है।
फिल्मों में निर्देशक के तौर पर काम करने के साथ-साथ उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय भी किया है जिनमें शागिर्द, ब्लैक फ्राइडे, हैप्पी न्यू ईयर, नो स्मोकिंग, भूतनाथ रिटर्न्स जैसी कई अन्य फिल्में भी शामिल है।
साल 2013 में, फ्रांसीसी सरकार के तरफ से उन्हें Ordre des Arts et des Lettres (नाइट ऑफ़ द आर्ट्स एंड लेटर्स) के साथ सम्मानित किया गया। कश्यप की रचनाओं से ब्रिटिश निर्देशक भी काफी प्रेरित हुए, यही कारण रहा कि उन्होंने कश्यप की फिल्म बनाने की शैली को ऑस्कर सम्मानित फिल्म “स्लमडॉग मिलियनेयर” के कुछ दृश्यों में रूपांतरित किया।
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