सी यू सून फिल्म रिव्यू (C U Soon Movie Review): फ़हाद फासिल और रोशन मैथ्यू स्टारर इस फिल्म की प्रयोगात्मक शैली इसे बाकी फिल्मों से एकदम अलग से खड़ा करती है। जिस प्रकार फिल्म में कसावट बनाए रखने के लिए और इसे एक अलग तरह की फिल्म बनाने के लिए डिजिटल स्क्रीन्स के एक सेट का इस्तेमाल किया गया है वह काबिल-ए-तारीफ है।
फिल्म : सी यू सून (CU Soon)
निर्देशक : महेश नारायणन (Mahesh Narayanan)
कास्ट : फहाद फासिल, रोशन मैथ्यू और दर्शना राजेंद्रन
लेखक-निर्देशक महेश नारायणन की फिल्म “सी यू सून (C U Soon)” इस लॉकडाउन में रिलीज होने वाली सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्मों में से एक है। यह एक प्रयोगात्मक शैली की फिल्म है जो कि केवल इस लॉकडाउन के दौरान एक आईफोन पर शूट की गई है। सिर्फ डिजिटल स्क्रीन के एक सेट का प्रयोग करने के बाद भी यह फिल्म बेहद कसी हुई है और एक अलग तरह का अनुभव देती है।
हालांकि अनीश चगांती की फिल्म “सरचिंग (Searching)” जो की 2018 में रिलीज हुई इसी श्रेणी की फिल्म थी, लेकिन महेश की फिल्म इसके किरदारों की भावनात्मक गहराई के कारण कही अधिक प्रभावशाली साबित हुई। इस फिल्म ने दर्शाया की केवल कुछ स्क्रीन्स की मदद से एक रहस्यमई थ्रिलर फिल्म को पूरी तरह से प्रेजेंट कैसे किया जाता है।
क्या है फिल्म की कहानी –
यह फिल्म जिमी कुरियन (रोशन मैथ्यू) के फोन की स्क्रीन से शुरू होती है, जब वह लापरवाही से टिंडर पर महिलाओं की प्रोफाइल देख रहा होता है। जल्द ही उसकी प्रोफाइल अनु (दर्शना राजेंद्रन) से मैच हो जाती है और इससे पहले की हम कुछ समझ पाएं उन दोनों की गूगल डुओ(Google Duo) पर वीडियो कॉल शुरू हो जाती है। यह सब कुछ इतनी तेजी से घटता है की दर्शक आश्चर्यचकित रह जाते हैं। लेकिन जैसे-जैसे फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है दर्शकों को समझ आने लगता है कि उन दोनों की प्रोफाइल इतनी जल्दी क्यों मिली और कैसे उन्हें एक दूसरे से इतनी जल्दी प्यार हो गया।
जिमी अपनी मां की उपस्थिति में एक वीडियो कॉल पर अनु को प्रपोज़ करता है, जिसके बाद जिमी की माँ उसके चचेरे भाई केविन थॉमस (Fahadh Faasil), जो की एक साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट है, से अनु के बारे में गहराई से जांच-पड़ताल करने का आग्रह करती हैं। हालांकि किसी के प्राइवेट डेटा को छेड़ना केविन को काफी असहज करता है, लेकिन फिर भी वह अपनी आंटी की खातिर यह करने के लिए तैयार हो जाता है। कुछ ही समय में, वह अनु से संबन्धित सभी आवश्यक जानकारी इकट्ठी कर लेता है और अनु के सच्चे होने की घोषणा कर देता है।
हालांकि, मुसीबत तब पैदा होती है, जब अनु जिमी के साथ एक हफ्ता बिताने के बाद एक दिन अचानक रहस्यमई तरीके से गायब हो जाती है और अपने पीछे एक खतरनाक वीडियो नोट छोड़ जाती है जो स्थिति को और बदतर बना देता है। केविन यह पता लगाना शुरू करता है कि अनु के साथ आखिर क्या हुआ और इसी जद्दोजहद में वह कई रहस्यमई राजों को सुलझाता है।
भले ही “सी यू सून (CU Soon)” एक थ्रिलर जोनर की फिल्म है, लेकिन यह फिल्म आजकल सोशल मीडिया और डेटिंग एप्स पर बनते रिश्तों के उतार-चढ़ाव को भी उजागर करती है। फिल्म हमें यह संदेश देने में पूरी तरह से सफल रही कि टैक्नोलॉजी की दुनिया में हमारे देखने और सुनने के बीच में काफी अंतर हो सकता है।
फिल्म देख कर आप यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि टैक्नोलॉजी एक वरदान होने के साथ-साथ श्राप भी बन सकती है। यह बहुत ही खूबसूरती से हमे इस तथ्य से अवगत कराती है कि कैसे टैक्नोलॉजी ने हमारे जीवन को अपने कब्जे में कर लिया है और हम में से कुछ पहले से ही इसका खामियाजा भुगत रहे हैं।
जैसे ही अनु की खोज शुरू होती है, एक दर्शक के रूप में, आप फिल्म से आखिर तक जुड़े रहते हैं। अनु के साथ क्या हुआ यह जानने को आप तत्पर हो जाते हैं और यह समय की विपरीत दिशा में दौड़ने जैसा लगता है। अनु को ढूँढने के लिए जैसे-जैसे केविन एक नई विंडो या स्क्रीन खोलता जाता है, हर मिनट के साथ टेंशन बढने लगती है। केविन के किरदार को फ़हाद के कमाल के प्रदर्शन ने और भी रोचक बना दिया। फ़हाद केवल अपनी आंखों के माध्यम से किसी भी किरदार को जीवंत करने के लिए ही जाने जाते हैं।
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फिल्म के एक दृश्य में, उनकी महिला सहकर्मी उन्हें स्त्री जाति से द्वेष करने वाला कह देती है, लेकिन यह अहसास होने में ज्यादा देर नहीं लगती की परिस्थितियां इंसान बदल भी सकती हैं। रोशन मैथ्यू ने भी फिल्म में बेहद उम्दा काम किया है। अपने मजबूत अभिनय के दम पर वे काफी तेजी से मलयालम सिनेमा के सबसे रोमांचक अभिनेताओं में से एक बनते जा रहे हैं।