भगवान राम में आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं को कोई तकलीफ न हो और वह आसानी से रामेश्वरम(Rameshwaram) पहुंच सकें और भगवान राम के आराध्य भगवान शिव के दर्शन कर सकें। इसके लिए सरकार की ओर से अहम निर्देश दिए गए हैं। दरअसल रामभक्तों के लिए रामेश्वरम तक आसानी से पहुंचने के लिए एक खास पुल(Pamban Bridge) का निर्माण किया जा रहा है और इस पुल के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए दो साल का समय दिया गया है।
बताया जा रहा है कि रामेश्वरम(Rameshwaram) तक पहुंचने वाला यह पुल देश का पहला वर्टिकल पुल होगा, जो कि पानी के जहाज आने के लिए खुल भी सकता है। पंबन ब्रिज(Pamban Bridge) का काम पहले काफी सुस्त था लेकिन अब इसे जल्द ही नया रूप दिया जाएगा। पंबन का नया ब्रिज लगभग 2 किलोमीटर लंबा होगा। यह पुल मंडपम(Mandapam) से समुद्र के बीच मौजूद रामेश्वरम के बीच बनाया जा रहा है।
दरअसल मंडपम भारतीय प्रायद्वीप से जमीनी सीमा में रेलवे का अंतिम स्टेशन है। जबकि रामेश्वरम मन्नार की खाड़ी में स्थित है। इस पुल के बनने से सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि यहां आने वाले श्रद्धालु तो आराम से अपने आराध्य के दर्शन के लिए पहुंच सकेंगे। इसके साथ ही मालगाड़ियों के आवागमन की रफ्तार भी बढ़ जाएगी।
इतनी आएगी लागत
पंबन(Pamban Bridge) के नए पुल को बनाने में लगभग 250 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसकी आधारशिला साल 2019 में रख दी गई थी और आने वाले दो साल के अंदर ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। यह पुल अपने आम में काफी खास होगा। पंबन में नए पुल के अलावा रेलवे की योजना रामेश्वरम से धनुषकोडी तक एक बार फिर से रेल लाइन बनाने की है। यह रेल लाइन 18 किलोमीटर लंबी होगी।
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आपको बता दें कि धनुषकोडी में ही रामसेतु का एक छोर मौजूद है। साल 1964 में आए भयानक साइक्लोन में यह रेल लाइन पूरी तरह से तबाह हो गई थी। उस समय एक ट्रेन भी इसकी चपेट में आ गई थी, जिसमें सवार सभी लोग मारे गए थे लेकिन अब एक बार फिर से यहां रेल को दौड़ाने पर विचार हो रहा है।