Lohri 2023 Date and Shubh Muhurat: साल के शुरुआत में ही उत्तर भारत में लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है। लोहड़ी का त्योहार उत्तरी भारत में बड़े उल्लास के साथ हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है। लोहड़ी का त्योहार पंजाब से जुड़ा हुआ है लेकिन भारत में हर धर्म का व्यक्ति अपने परिजनों, दोस्तों और खास लोगों के साथ मिल कर मनाता है।
लोहड़ी 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त(Lohri 2023 Date and Shubh Muhurat)
लोहड़ी माता की कथा
लोहड़ी का त्यौहार मनाने वाले और इससे जुड़े हुए लोगों लोहड़ी के त्यौहार को दुल्ला भट्टी की लोक कथा से भी जोड़ते हैं। यह विश्वास किया जाता है कि अकबर के काल में पिंडी भटियन का एक राजा था दुल्ला भट्टी Dulla Bhatti वह एक लुटेरा था पर उसने बहुत सारी लड़कियों को गुलाम बाज़ार या दास बाज़ार से अपहरण किये हुए लोगों से बचाया था जो की एक महान बात थी। इसके कारण लोहड़ी के त्यौहार में लोग दुल्ला भट्टी पर आभार व्यक्त करते हैं और उनका नाम पंजाब की लोक कथाओं में व्यापक रूप से वर्णित है। ज्यादातर लोहड़ी के गीत दुल्ला भट्टी के अच्छे कर्मों में आधारित है।
लोहड़ी का पारंपरिक गीत(Lohri 2023 Lok Geet In Hindi)
सुंदर मुंदरिए – हो
तेरा कौन विचारा-हो
दुल्ला भट्टी वाला-हो
दुल्ले ने धी ब्याही-हो
सेर शक्कर पाई-हो
कुडी दे बोझे पाई-हो
कुड़ी दा लाल पटाका-हो
कुड़ी दा शालू पाटा-हो
शालू कौन समेटे-हो
चाचा गाली देसे-हो
चाचे चूरी कुट्टी-हो
जिमींदारां लुट्टी-हो
जिमींदारा सदाए-हो
गिन-गिन पोले लाए-हो
तेरा कौन विचारा-हो
दुल्ला भट्टी वाला-हो
लोहड़ी खेतों में लगी फसलों की काटे जाने की वजह से मनाई जाती है। इसके बाद फसलों को अग्नि को अर्पित किया जाता। पूरे देशभर में लोहड़ी को लेकर लोगों के बीच काफी उत्साह है। लोग पहले से ही तैयारी करना शुरू कर दिए हैं। खान-पान से लेकर कपड़ों तक की तैयारी जोर शोर से की जाते है।
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लोहड़ी का यह पर्व तब मनाया जाता है जब सर्दियों में साल का सबसे छोटा दिन और साल की सबसे बड़ी रात होती है। पारंपरिक तौर पर लोहड़ी फसल की बुवाई और उसकी कटाई से जुड़ा एक विशेष त्योहार है। इस दिन लोग लकडि़यों और उपलों से आग जलाकर लोहड़ी की खुशियां मनाते हैं।