Julius Maggi: मैगी एक ऐसा फ़ूड आइटम है जिसे बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी खाना बेहद पसंद करते हैं। हॉस्टल्स और घर परिवार से दूर रहने वालों के लिए तो मानो यही जीने का सहारा है। सब लोग इसे इसलिए भी इतना पसंद करते हैं क्योंकि ये झटपट बन भी जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि, 2 मिनट में बनने वाला आपका ये पसंदीदा नूडल आखिर मैगी क्यों कहलाता है। आज हम आपको इसी दिलचस्प फैक्ट के बारे में बताने जा रहे हैं। आईये जानते हैं आखिर कैसे मैगी का नाम पड़ा मैगी।
ऐसे पड़ा आपके पसंदीदा नूडल का नाम मैगी


मैगी ऐसे आई भारत (Julius Maggi is the man who Invented Maggi)
अपने पहले पैकेट बंद नूडल्स सूप की सफलता के बाद जूलियस ने मार्केट में मैगी ब्रांड के नाम से कई प्रकार के सूप के पैकेट उतारे। आपको बता दें कि, जूलियस की इस सफलता का बड़ा श्रेय स्विट्ज़रलैंड की सरकार को भी जाता है। चूँकि जूलियस ने ये सभी आइटम मिडिल क्लास को ध्यान में रखते हुए बनाया था, लिहाजा स्विट्ज़रलैंड की सरकार का भी उन्हें खूब सपोर्ट मिला। स्विट्ज़रलैंड में मैगी मशहूर होने के बाद इसे अमेरिका, पेरिस, बर्लिन और लंदन जैसे बड़े शहरों ने भी खरीद कर बेचना शुरू कर दिया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, भारत में मैगी को पहली बार 1983 में लाया गया। हालाँकि नेस्ले कंपनी ने इसे 1947 में ही खरीद लिया था लेकिन मार्केट तक आने में इसे काफी वक़्त लगा। भारतीय बाजार में आते ही मैगी छा गई, लोगों को इसके स्वाद के साथ ही 2 मिनट में इसका बनकर तैयार हो जाना काफी भाया। बीच में कुछ कारणों से मैगी के उत्पादन पर रोक बह लगा दी गई थी लेकिन अब एक बार फिर से इसकी पहुंच चरम पर है। हर घर में आपको मैगी का एक पैकेट तो जरूर मिल जाएगा।
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